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RANCHI- झारखंड राज्य खादी बोर्ड में भाई भतीजावाद चरम पर, हर पद पर रिटायर्ड कर्मी और उनके रिश्तेदारों का कब्जा, ऐसे हुआ मामले का खुलासा

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झारखंड राज्य खादी बोर्ड में रोजगार के लिए योग्यता जरूरी नहीं

Khadi Gram Udyog Jharkhand News रांची : झारखंड राज्य खादी बोर्ड में भाई भतीजावाद चरम पर है. पिता-पुत्र और पति-पत्नी साथ-साथ कार्यरत हैं. रिटायरमेंट के बाद भी लोग आउटसोर्स पर काम कर रहे हैं. वह खुद तो काम कर ही रहे हैं, वहीं अपने रिश्तेदारों को भी खादी बोर्ड में आउटसोर्स या अनुबंध पर नियुक्त करा लिया. यह प्रक्रिया बोर्ड में पिछले 10-15 साल से चल रही है.

 

रिश्तेदार कैसे-कैसे

खादी बोर्ड में कार्यरत सहायक सूबेदार पंडित 31 मई 2013 को रिटायर हो चुके हैं. वह आज भी बोर्ड में काम कर रहे हैं. इतना ही नहीं, उनके बेटे धीरज कुमार भी एयरपोर्ट स्थित खादी बोर्ड के इंपोरियम में बतौर सेल्समैन काम कर रहे हैं. रांची मेन ब्रांच के लेखापाल रविंद्र पोद्दार का बेटा राजीव पोद्दार रेडियम रोड स्थित खादी इंपोरियम में सेल्समैन है. वहीं बोकारो में खादी बोर्ड के सेल्समैन दुर्गानंद झा और उनके बेटे राजेश झा व नारायण झा भी बतौर सेल्समैन काम कर रहे हैं.

रेडियम रोड रांची स्थित इंपोरियम में सरबजीत सिंह व उनकी पत्नी, दोनों ही सेल्समैन के पद पर कार्यरत हैं. इसी तरह रेडियम रोड इंपोरियम में ही चरखा ट्रेनर कौशल किशोर मिश्रा और उनके बेटे रविरंजन मिश्रा भी चरखा ट्रेनर के पद पर कार्यरत हैं.

पिछले 10-15 साल से चल रहा खेल

कर्मियों की कमी बता कर पूर्व के अधिकारी ने रिटायर लोगों को कांट्रैक्ट पर रख लिया

पिता-पुत्र और पति-पत्नी कर रहे हैं काम, रिश्तेदारों की आउटसोर्स पर करा ली नियुक्ति

रिटायरमेंट के बाद पेंशन और सैलरी भी

खादी बोर्ड में रिटायर हो चुके कई कर्मी अनुबंध पर काम भी कर रहे हैं. उन्हें पेंशन भी उठा रहे हैं और सैलरी भी. ऐसे कर्मियों में बलदेव भारती,सूबेदार पंडित, उपेंद्र ठाकुर,रईस आजम अंसारी व सुजाता सहाय शामिल हैं.

बलदेव भारती वर्ष 2006 में रिटायर हो चुके हैं और उसी समय से खादी बोर्ड में भी काम कर रहे हैं. इन्हें 20 हजार रुपये प्रति माह वेतन भी मिल रहा है. वहीं रईस आजम अंसारी 2016 में रिटायर हो चुके हैं और उसी समय से ये पुन: वहां काम भी कर रहे हैं. उपेंद्र ठाकुर को 31.4.2014 को रिटायरमेंट ले चुके हैं और आज भी खादी बोर्ड में कार्यरत है. दुर्गानंद झा 2014 को रिटायर हो चुके हैं और अभी भी कार्यरत हैं.

मामले की जांच की जायेगी : सीइओ

झारखंड राज्य खादी बोर्ड के सीइओ राखलाल चंद्र बेसरा ने कहा कि उन्हें भी सूचना मिली है कि कई लोग ने अपनेरिश्तेदारों को पैरवी पर नियुक्त करा लिये हैं. खुद भी काम कर रहे हैं और रिश्तेदार भी. हालांकि जिन लोगों को रखा गया है, वह आउटसोर्स कर्मी हैं. सबकी जांच चल रही है गड़बड़ी होने पर कार्रवाई भी होगी. जहां तक रिटायर कर्मियों की बात है, तो जब संयुक्त बिहार से झारखंड अलग हुआ था, तो खादी बोर्ड को बहुत कम कर्मी मिले थे.

जिस कारण वर्ष 2006-07 में जब कई लोग रिटायर हुए, तो बोर्ड में अनुभवी कर्मियों की कमी नहीं हो, इसके लिए तत्कालीन अधिकारियों ने उन्हें पुन: बहाल कर लिया होगा. इनकी जांच करायी जायेगी. जो योग्य हैं, वही काम करेंगे.

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