अदार पूनावाला ने कहा कि ज्यादा ऑर्डर नहीं थे. हमें नहीं लगता था कि एक साल में 100 करोड़ से अधिक खुराक बनाने की जरूरत है. अधिकारियों को भी जनवरी में दूसरी लहर की उम्मीद नहीं थी. हर कोई महसूस कर रहा था कि भारत में महामारी खत्म होने वाली है. इसलिए वैक्सीन का उत्पादन नहीं बढ़ाया गया.